मेघनगर।   संपूर्ण जैन समाज ही नहीं वरन पूरे हिंदू परम्परा में अक्षय तृतीया का काफी महत्व है, यह दिन बगैर बताए ही शुभ  कहलाता है इस दिन व्यक्ति अपने जो भी शुभ कार्य करना हो विवाह से लगाकर ग्रह प्रवेश तक सभी कार्य बिना मुहूर्त देखें कर सकता है। इस दिन का जैन समाज में एक विशेष महत्व है इस दिन भगवान आदिनाथ को काफी दिनों की तपस्या के बाद गन्ने के रस से पारना करवाया था।

 अतः जैन समाज में जो साल भर की तपस्या करते हैं उसकी पुर्णावती अक्षय तृतीया के दिन ही होती है। स्थानकवासी श्री संघ के इस कार्यक्रम का लाभ आचार्य प्रवर श्री उमेश मुनि जी महाराज साहब के शिष्य पूज्य प्रवर्तक बुद्ध पुत्र जिनेंद्रमुनिजी महाराज साहब एवं धर्मेंद्रमुनि जी महाराज साहब आदि ठाना 8 की निश्रा में खरगोन श्री संघ को प्राप्त हुआ था, लेकिन विकट परिस्थिति को देखते हुए खरगोन संघ द्वारा यह कार्यक्रम कसरावद श्री   संघ का सहयोग लेकर कसरावद में संपन्न करवाया गया। इस भव्य कार्यक्रम में करीबन 140 के आसपास तपस्वी पारणा करने पहुंचे।अल सुबह रोशन गार्डन में जहां संतो द्वारा विधि के साथ पचकान कराते हुए सभी तपस्वीओ को मांगलिक फ़रमाई वहीं मालवा, निमाड़ एवं अन्य प्रांतों से आए श्री संघ का खरगोन, कसरावद श्री संघ ने सुंदर व्यवस्था के साथ-साथ अतिथि सत्कार का पूर्ण लाभ लिया जो अल्प समय में इतनी सुंदर व्यवस्था देना नामुमकिन था। सभी श्री संघ द्वारा व्यवस्था की काफी सराहना हुई वही मेघनगर से पहुंचे वर्षीतप तपस्वी वागरेचा परिवार से श्री हंसमुखलालजी वागरेचा, श्रीमती स्नेहलता बहन वागरेचा, श्री पंकज वागरेचा, श्रीमती सपना वागरेचा, श्रीमती ममता लोकेश झामर, श्री सुरेश जी धोखा, श्री विपुल धोखा, वही झाबुआ से श्रीमती मधुबाला कटारिया, वही थांदला से श्री रवि लोड़ा, श्री पवन नाहर, श्रीमती आशा श्रीमाल एवं श्री विनोद श्रीश्रीमाल, दाहोद से श्रीमती रीमा अभिषेक दूगड़ सहित सभी तपस्वी की खूब खूब अनुमोदना करते हुए खरगोन श्री संघ में भरपूर हर्ष और उत्साह देखा गया। वही पूर्व कृषि मंत्री एवं विधायक सचिन जी यादव एवं  विजयलक्ष्मीजी साधो ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर सभी  तपस्वीयों को पारणा कराने का लाभ लिया।