शादीशुदा महिलाओं की बात करें तो इनके लिए 16 श्रृंगार बेहद जरूरी होता है। जिसकी लिस्ट में विभिन्न चीज़ों शामिल है, जिसमें से एक है पायल।

विवाहित महिलाओं के पैरों में पायलों का होना बेहद जरूरी माना जाता है। यही कारण है कि महिलाएं घर हो या बाहर हर जगह पायलें पहनती हैं। उनकी छन-छन पूरे घर में रौनक ला देती हैं। लेकिन वे इसे सिर्फ सोलह श्रृंगार के तौर पर इसे पहनती हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि पायल पहनना न केवल एक हिंदू संस्कार है बल्कि इससे पहनने के कई फायदे भी होते हैं। जी हां, माना जाता है स्वास्थ्य के लिहाज से पायल बहुत लाभ पहुंचाती है तो वहीं वास्तु की दृष्टि से अगर देखा जाए तो पायल की आवाज से घर की नकरात्मक शक्तियां कम हो जाती हैं और दैवीय शक्तियां बढ़ जाती हैं। विज्ञान की नजर से यदि देखा जाए तो चांदी से बनी पायल महिलाओं के शरीर में बदलते हार्मोन्स की परेशानियों को दूर करने के लिए बेहतर मानी जाती है। चूंकि ये पैरों में रगड़ती रहती है इसलिए पायल के धातु के तत्व त्वेचा से होते हुए शरीर के अंदर प्रवेश करते हैं, जिससे पीठ, घुटनों के दर्द, एड़ी और हिस्टीरिया आदि रोगों से राहत मिलती है।

तो आइए जानते हैं पुराने जमाने से चली आ रही इस परंपरा के पीछे आखिर कितने फायदे हैं-वे महिलाएं जिन्हेंं पैरों की सूजन की समस्या है उन्हें चांदी की पायल पहनने से काफी लाभ पहुंच सकता है। जी हां, इससे ब्लएड सर्कुलेशन ठीक होता है और पैरों की सूजन से प्राकृतिक तरीके से लाभ मिलता है। पैरों में चांदी की पायल पहनने से महिलाओं में स्त्री रोग संबंधी विकार, बांझपन, हार्मोनल असंतुलन और प्रसूति संबंधी दिक्क तें दूर होती हैं।

वहीं इससे शरीर की ऊर्जा हमेशा बनी रहती है। चांदी एक ऐसी बहुमूल्य धातु है, जो शरीर की ऊर्जा को कभी बर्बाद नहीं होने देती। यह शरीर से निकलने वाली ऊर्जा को दुबारा से शरीर में लौटा देती है। चांदी की पायल पहनने से शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति भी बढ़ती है। कहते हैं कि ये शरीर की लिम्फ ग्रंथियों को सक्रिय कर देती है। और पायल पहनने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
ऐसा माना जाता है कि पायल पैरों से निकलने वाली शारीरिक विद्युत ऊर्जा को शरीर में संरक्षित रखती है। पायल महिलाओं के पेट और निचले अंगों में फैट बढ़ने की गति को रोकती है। वास्तु के अनुसार पायल की छनक निगेटिव ऊर्जा को दूर करती है। चांदी की पायल पैरों से घर्षण करके पैरों की हड्डियां मजबूत बनाती हैं। पैर में पायल पहनने से महिला की इच्छा-शक्ति मजबूत होती है। यही वजह है कि औरतें अपने स्वास्थ्य की चिंता किए बिना पूरी लगन से परिवार के भरण-पोषण में जुटी रहती हैं।

इसके अलावा पैरों में सिर्फ चांदी ही क्यों पहनते हैं सोना क्यों नहीं। आगे हम आपको इसकी जानकारी देंगे। विज्ञान के दृष्टिकोण से देखें तो सोने के बने आभूषणों गर्म होती है। और चांदी के ठंडे होते है। मानते है कि मनुष्य का पैर गर्म होना चाहिए और सिर ठंडा रहना चाहिए। इसलिए महिलाएं को सिर पर सोना और पैरों में चांदी के गहने हीं पहनने चाहिए। अगर ऐसा करा जाए तो चांदी की ठंडक सिर में पहुचेगी और पैरो में गर्मी पहुचेगी। ये भी मानते है कि पैरो में चांदी पहनने से कई बीमारियां से बचा जा सकता है। इसलिए शरीर के ऊर्जा का नियंत्रण बनाए रखने के लिए सिर में सोना और पैरों में चांदी के गहने पहनने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।