खंडवा ।   दीपावली के बाद शादी की शहनाई बजने वाली थी लेकिन अब घर में मातम पसरा हुआ। पंधाना थाने में पदस्थ आरक्षक ताप्ती नदी में बह गया। वह जलगांव में बयान लेने गया था। यहां से लौटते समय भातखेड़ा रोड पर स्थित पुलिया से नीचे गिर गया। घटना के 20 घंटे बाद भी उसका पता नहीं चल सका। अगले माह उसकी शादी होने वाली थी।पंधाना थाने में गजानन अटवाड़े आरक्षक के पद पर पदस्थ था। गुरुवार को वह एक दुर्घटना के मामले में बाइक से जलगांव गया था। यहां उपचार कर रहे घायल के बयान दर्ज किए। इसके बाद वह वापस पंधाना आने के लिए निकला था। शाहपुरा में ही घर होने से वह कुछ देर के लिए परिवार से मिलने चला गया। यहां से रात में वह बाइक से पंधाना थाने आ रहा था। इस बीच भातखेड़ा रोड पर ताप्ती नदी पर स्थित पुलिया पर आरक्षक की बाइक सामने से आ रही एक बाइक से टक्करा गई। इसके बाद वह सीधे नदी में जा गिरा। पानी का बहाव तेज होने से उसका पता नहीं चल सका। घटना की जानकारी लगते ही परिवार के अलावा पंधाना थाना प्रभारी आरपी यादव पुलिसकर्मियों के साथ घटनास्थल पहुंचे। यहां शाहपुरा थाना पुलिस के साथ गजानन की तलाश में लग गए लेकिन रात में उसका कहीं पता नहीं चल सका। इधर सुबह से फिर उसकी तलाश शुरू की गई लेकिन शाम करीब छह बजे तक भी पुलिस और गोताखोर आरक्षक को तलाश नहीं पाए। पंधाना थाना प्रभारी यादव ने बताया कि आरक्षक की दीपावली के बाद शादी थी।

पुलिया पर कीटों की वजह से हो रहे हादसे

भातखेड़ा रोड पर ताप्ती नदी पर स्थित पुलिया पर रात में निकलना किसी जोखिम से कम नहीं है। बताया जाता है कि पुलिया पर अनगिनत कीट रहते हैं। ऐसे में इनके बीच से होकर जाना जोखिम भरा हो जाता है। गुरुवार को जब आरक्षक गजानन पुलिया से गुजर रहा था तो उसके सामने से एक बाइक आ गई। आरक्षक ने हेलमेट लगा रखा था लेकिन सामने से आ रहा बाइक सवार बिना हेलमेट के था। कीटों से बचने के लिए उसने तेज गति से बाइक निकालने का प्रयास किया। इससे उसकी बाइक आरक्षक की बाइक से टकरा गई थी। बताया जाता है कि पुलिया पर लोहे की रैलिंग नहीं थी। वर्षा के मौसम में पुल के से पानी बहता है। इसके लिए रेलिंग निकाल ली गई थी।