इंदौर । कोरोना की सतर्कता डोज के रूप में तीसरा टीका नहीं लगवाने वाले इंदौर जिले के छह हजार शासकीय कर्मचारियों का जनवरी महीने का वेतन रोक दिया गया है। इसमें नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, जिला पंचायत, सहकारिता विभाग, कृषि व उद्यानिकी विभाग और पुलिस, बीएसएफ सहित एपीटीसी और विभिन्न बटालियन के कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं। इसमें कई कोरोना के फ्रंटलाइन वर्कर भी रहे हैं।

इस संबंध में कलेक्टर मनीष सिंह ने संबंधित विभाग के जिला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इन कर्मचारियों का वेतन तभी जारी किया जाए, जब वे तीसरी डोज लगवा लेंगे। उधर पुलिस कमिश्नन हरिनारायणाचारी मिश्र ने भी अपने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि केवल उन्हीं कर्मचारियों का वेतन जारी किया जाए जो कोरोना की सतर्कता डोज का प्रमाण पत्र दिखाएंगे। बताया जाता है कि निगम के 1486, इंदौर पुलिस के 1678, विभिन्न बलों के 1289, स्वास्थ्य विभाग के 742, राजस्व विभाग के 354 और बिजली कंपनी के 212, पंचायत एवं ग्रामीण विकास के 178 और कोर्ट के 46 कर्मचारी ऐसे हैं जिनको तीसरी डोज लगनी है, लेकिन इन्होंने अब तक नहीं लगवाई है। कलेक्टर सिंह ने कहा कि निजी अस्पतालों और डायग्नोस्टिक सेंटरों के कर्मचारियों को भी सतर्कता डोज लगवानी आवश्यक है, वरना नियोक्ता द्वारा उनका वेतन भी रोक दिया जाएगा। निजी अस्पतालों, पैथालाजी लैब और डायग्नोस्टिक सेंटरों द्वारा अपने कर्मचारियों को तीसरी डोज लगवाने में लापरवाही की जानकारी मिलेगी तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने पहले ही चेतावनी दी थी कि जो अधिकारी और कर्मचारी सतर्कता डोज नहीं लगवाएंगे उनका वेतन रोक दिया जाएगा।