सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ED के निवर्तमान निदेशक संजय कुमार मिश्रा को दिए गए तीसरे सेवा विस्तार को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।जस्टिस बीआर गवई व जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने सरकार को छह सप्ताह बाद अगली सुनवाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। कांग्रेस नेता जया ठाकुर की याचिका में कहा गया है कि मिश्रा को दिया गया तीसरा विस्तार शीर्ष अदालत के आदेशों का उल्लंघन है और यह हमारे देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नष्ट कर रहा है। शीर्ष अदालत पहले से ही मिश्रा को दिए गए विस्तार की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक समूह पर विचार कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2021 में मिश्रा को और विस्तार देने के खिलाफ फैसला सुनाया था।

मिश्रा को पहली बार नवंबर 2018 में दो साल के कार्यकाल के लिए ईडी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। दो साल का कार्यकाल नवंबर 2020 में समाप्त हो गया था। मई 2020 में वह 60 वर्ष की सेवानिवृत्ति की आयु तक पहुंच गए थे। हालांकि 13 नवंबर, 2020 को केंद्र सरकार ने एक कार्यालय आदेश जारी किया जिसमें कहा गया कि राष्ट्रपति ने 2018 के आदेश को इस आशय से संशोधित किया था कि ‘दो साल’ की अवधि को ‘तीन साल’ की अवधि में बदल दिया गया था।

एनजीओ कॉमन कॉज ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने संशोधन को मंजूरी देते हुए आगे के विस्तार के खिलाफ फैसला सुनाया था। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) अधिनियम में संशोधन करते हुए एक अध्यादेश लेकर आई, जिसमें खुद को ईडी निदेशक के कार्यकाल को पांच साल तक बढ़ाने का अधिकार दिया गया था। इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई और वे याचिकाएं फिलहाल लंबित हैं। उन याचिकाओं के जवाब में केंद्र सरकार ने एक हलफनामा दाखिल किया था जिसमें कहा गया था कि याचिकाएं राजनीतिक रूप से प्रेरित है क्योंकि याचिकाकर्ता उन राजनीतिक दलों से संबंधित हैं जिनके नेता वर्तमान में ईडी के दायरे में हैं।