इस्लामाबाद । पाकिस्तान का मोस्ट वांटेड आतंकी खालिद बटली उर्फ मोहम्मद खुरासानी अफगानिस्तान के पूर्वी नंगरहार प्रांत में मारा गया है। मोहम्मद खुरसानी पाकिस्तान में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का एक वरिष्ठ नेता था। पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने उसके मारे जाने की पुष्टि की है। हालांकि अभी तक यह नहीं बताया गया है कि इसकी मौत कैसे हुई है। पाक अफसरों ने बताया कि 50 वर्षीय खुरासानी टीटीपी का प्रवक्ता भी था।
बताया जाता है कि वह पाकिस्तान के लोगों और सुरक्षाबलों पर हुए कई हमलों में भी शामिल रहा था। अधिकारियों ने दावा किया कि तालिबान के अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्जा करने के बाद वह अक्सर काबुल का दौरा कर रहा था। पाकिस्तान का दावा है कि वह टीटीपी सरगना मुफ्ती नूर वली महसूद के साथ अपने संगठन के अलग-अलग गुटों को एकजुट कर रहा था।
पाकिस्तान ने दावा किया है कि वह आतंकवादी हमलों की योजना भी बना रहा था। उसने हाल में ही पाकिस्तान के अंदर आतंकवादी हमला करने की धमकी दी थी। गिलगित-बाल्टिस्तान का रहने वाला खालिद बटती ऊर्फ मोहम्मद खुरासानी पिछले कई सालों से टीटीपी का ऑपरेशनल कमांडर था। 2007 में वह स्वात में प्रतिबंधित तहरीक निफ़ाज़ शरीयत-ए-मुहम्मदी में शामिल हो गया और टीटीपी के पूर्व प्रमुख मुल्ला फ़ज़लुल्लाह के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित किया। मोहम्मद खुरासानी का सभी स्तरों के टीटीपी सदस्यों के साथ उनके सौहार्दपूर्ण और घनिष्ठ संबंध थे। उसने टीटीपी के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
अधिकारियों ने कहा खुरासानी खैबर पख्तूनख्वा के मिरामशाह शहर में एक आतंकवादी ठिकाना चलाता था और ऑपरेशन जर्ब-ए-अज़ब के बाद अफगानिस्तान भाग गया था। टीटीपी को पाकिस्तानी तालिबान भी कहा जाता है, जो अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर सक्रिय एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है। यह एक दशक से अधिक समय में पाकिस्तान में कई हमलों को अंजाम दे चुका है, जिनमें हजारों लोगों की मौत हुई है। यह कथित तौर पर अफगानिस्तान की सरजमीं का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवादी हमलों की साजिश रचने के लिए करता रहा है।