मध्यप्रदेश में जीत और कमलनाथ को उनके ही गढ़ छिंदवाड़ा में घेरने के लिए भाजपा ने तैयारी कर ली है। इसके लिए गृहमंत्री अमित शाह ने मास्टर प्लान बना लिया है। खबर यह भी है कि कमलनाथ को हार का डर अभी से ही सताने लगा है, जिसके चलते उन्होंने छिंदवाड़ा में डेरा जमा लिया है। 
मीडिया की खबरों के अनुसार, मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ के अजेय गढ़ छिंदवाड़ा जिले की सात सीटों पर कांग्रेस काबिज है। छिंदवाड़ा सीट से खुद कमलनाथ चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस के इस गढ़ को भेदने के लिए भाजपा ने ताकत झोंक रखी है। पार्टी ने इसे आकांक्षी सीट के रूप में चुना है, जहां चुनाव से काफी पहले से पार्टी के बड़े नेताओं के दौरे होते रहे हैं।

अब समय विधानसभा चुनाव का है तो नेताओं के दौरे बढ़ गए हैं। दूसरे राज्यों के नेता लगातार कैंप कर रहे हैं। इस क्षेत्र में बिहार व उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल मूल के मतदाता भी हैं, जिन्हें साधने के लिए बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी को जिम्मेदारी दी गई है। 

प्रदेश कांग्रेस अनाथ, छिंदवाड़ा पहुंचे कमलनाथ

उधर खबर यह भी है कि छिंदवाड़ा शहर एवं जिले के 6 अन्य विधानसभा क्षेत्रों से आ रही कांग्रेस प्रत्याशियों की संभावित हार की आ रही खबरों से परेशान होकर तथा विभिन्न सर्वे की रिपोर्ट को देखकर कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस को अनाथ छोड़ अपने साम्राज्य छिंदवाड़ा को बचाने हेतु 5 दिनों के लिए छिंदवाड़ा में डेरा डाला है। 

प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष के रूप में उनके पास पूरे प्रदेश में प्रचार की जिम्मेदारी थी किंतु अपने गृह क्षेत्र में ही भाजपा से पिछड़ने की वजह से प्रदेश को भगवान भरोसे छोड़ कर कमलनाथ अपनी पूरी केम्पेन टीम के साथ छिंदवाड़ा में स्थायी हो गए हैं।

बेटे-बहू पर से छिनी कमान
पहले उन्होंने अपने बेटे नकुलनाथ और बहू प्रिया नाथ पर छिंदवाड़ा जिले में प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी थी किंतु नकुलनाथ को लेकर जिले में चल रही नाराजी तथा कांग्रेस के प्रति अनुत्साह से घबराकर अब स्वयं के हाथों में छिंदवाड़ा की कमान ले ली है।

अब यह स्पष्ट हो चुका है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की बुरी तरह हार रही हैं। तभी तो क्षत्रप अपने अपने क्षेत्रों को बचाने में लगे हैं।