तेल अवीव । इजराइल ने ईरान को फिर धमकी दी है कि हम किसी भी परमाणु समझौते को मानने के लिए बाध्य नहीं है। अगर हमें कोई भी खतरा दिखाई देगा तो हमारे पास कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित है। ऐसे में ईरान और पश्चिमी देशों के बीच जारी परमाणु सुरक्षा समझौते (जेसीपीओए) पर फिर से पानी फिरने के आसार हैं। उधर, ईरान ने भी धमकी दी है कि अगर इजराइल कोई कार्रवाई करता है, तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने संसद नेसेट की विदेश और रक्षा मामलों की समिति को संबोधित करते हुए देश के एजेंडे को साफ किया।
उन्होंने कहा कि वियना में जारी परमाणु वार्ता के संबंध में हम निश्चित रूप से चिंतित हैं, इजराइल समझौतों का हिस्सा नहीं है। ऐसे में अगर कोई समझौता होता है तो इजराइल उन्हें मानने के लिए बाध्य नहीं है। उन्होंने साफ कहा कि इजराइल कहीं भी एक्शन लेने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र भी है। ईरान को ऑक्टोपस का चीफ बताते हुए बेनेट ने कहा कि वह लगातार परदे के पीछे से धमकी दे रहा है।
बेनेट ने चेतावनी देते हुए कहा कि इजराइल की नीति खतरों से निपटने के लिए रक्षात्मक से आक्रामक होने की ओर शिफ्ट हो गई है। उन्होंने इजराइल की सुरक्षा स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि देश की सुरक्षा पहले से अच्छी और बेहतर हो रही है।
इजरायल के पूर्व और वर्तमान अधिकारी जेसीपीओए और देश की सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर एकमत नहीं है। उनका मानना है कि अगर इजराइल ने ईरान पर हमला किया तो जवाबी कार्रवाई के रूप में उसे भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। इजरायल के पीएम बेनेट और उनके पूर्ववर्ती बेंजामिन नेतन्याहू ईरान के साथ परमाणु डील के सख्त खिलाफ हैं। अमेरिका के ईरान के साथ परमाणु डील से पीछे हटने में नेतन्याहू प्रशासन की भी बड़ी भूमिका थी।
वहीं, इजराइली डिफेंस फोर्सेज के ऑपरेशनल डॉयरेक्टर अहरोन हलीवा और पूर्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार चक फ्रीलिच इसके ठीक उलट विचार रखते हैं। उन्होंने इसे तेल अवीव के लिए सबसे बुरे विकल्पों में से सर्वश्रेष्ठ के रूप में चित्रित किया है। फ्रीलिच ने एक इंटरव्यू में चेतावनी दी कि किसी भी इजराइली आक्रमण के प्रतिशोध में ईरान और हिजबुल्लाह द्वारा तेल अवीव के खिलाफ बड़े पैमाने पर मिसाइल हमले कर सकते हैं।