मुरैना।   मुरैना-ग्वालियर में नर्सिंग कालेजों के संचालन में फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। अधिकांश नर्सिंग कालेज कागजों में चलते नजर आए। रिकार्ड में 50 से लेकर 100 पलंग का अस्पताल कागजों में दर्शाने वालों के पास हकीकत में भवन तक नहीं है। कैलारस कस्बे में एमएस रोड पर तीन साल से हिंदुस्तान इंस्टीट्यूट आफ नर्सिंग कालेज चल रहा है। मप्र नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल भोपाल के रिकार्ड में इस कालेज में 50 पलंग का अस्पताल और जीएनएम के 40 और बीएससी के 20 छात्र बताए गए हैं, लेकिन शक्कर मिल से लेकर नेपरी पुल तक लगभग चार किलोमीटर लंबे कैलारस के एमएस रोड के दोनों साइड के किसी भवन में ऐसा कोई कालेज नहीं है। इसी तरह मुरैना शहर के टोल नाका के पास छोटी नहर किनारे के रोड पर दाऊ हनुमंत सिंह एजुकेशन नाम से नर्सिंग कालेज सरकारी रिकार्ड में चल रहा है, जिसमें जीएनएम की 30 सीटें बताई गई है, पर छोटी नहर व टोल प्लाजा के आसपास ऐसा कोई कालेज नहीं है। जब कालेज के संचालक डा. सुनील सिंह तोमर से पूछा गया तो वह भी चुप्पी साध गए। यह तो केवल उदाहरण मात्र हैं। नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल के रिकार्ड अनुसार जिले में 28 नर्सिंग कालेज हैं परंतु अधिकांश की कहानी यही है।

लैब, क्लास रूम न ही स्टाफ

नियमनुसार नर्सिंग कालेज में पढ़ाने के लिए डाक्टर व दक्ष नर्सों का स्टाफ होना चाहिए। लैब और व्यवस्थित क्लास रूम होना चाहिए। लेकिन मुरैना में 25 कालेजों के पास यह मूलभूत सुविधाएं ही नहीं हैं। बिहार, झारखंड, राजस्थान व उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से छात्र-छात्राएं दाखिले के बाद सीधे सीधे डिग्री लेने आते हैं।

हर विवाद के बाद जांच बैठी पर पूरी नहीं होती

फर्जी तरीके से चल रहे नर्सिंग कालेजों के खिलाफ कुछ माह पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मुरैना शहर में चक्काजाम किया था। इसके बाद तत्कालीन सीएमएचओ डा. एडी शर्मा ने द्वारा विशेष समिति बनाकर कराई गई जांच में भी 20 कालेजों का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ था, लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं की गई। पिछले दिनों सामूहिक नकल के बाद पांच सदस्यीय टीम बनी पर अब तक किसी जांच नहीं की गई। सिविल सर्जन डा. विनोद गुप्ता ने फर्जीवाड़ा करने वाले कालेज संचालकों पर एफआइआर के लिए कोतवाली में आवेदन दिया, लेकिन पुलिस ने किसी के खिलाफ कोई एफआइआर नहीं की।

इनका कहना है

पूर्व सीएमएचओ एडी शर्मा द्वारा कराई गई जांच रिपोर्ट के बारे में जानकारी लेता हूं, इसमें क्या निष्कर्ष निकला। सामूहिक नकल के बाद जो जांच बैठाई है, उसमें कुछ लोगों के बयान रह गए हैं। जांच के बाद जो-जो कालेज नियम विरुद्ध मिलेंगे उनकी मान्यता खत्म कराएंगे।

डा. राकेश शर्मा, सीएमएचओ, मुरैना।