भोपाल । मध्य प्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा और 6 संगठनों के संयुक्त मंच ने अपनी 39 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय सामूहिक अवकाश लेकर कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। इसके चलते कई सरकारी कार्यालयों में काम पूरी तरह ठप हो गया। इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ा। भोपाल में सतपुड़ा भवन और भोपाल जिला कलेक्टर कार्यालय पर कर्मचारी हड़ताल पर बैठे। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने बताया कि अब 10 सितंबर को एक दिवसीय धरना करने का कर्मचारियों ने निर्णय लिया है। इसके बाद भी सरकार हमारी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं करती है तो फिर कर्मचारी अनिश्चित हड़ताल पर जाएंगे।

मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ते/ मंहगाई राहत का बकाया एरियर देने, पुरानी पेंशन बहाल करने, लिपिकों के ग्रेड पे में विसंगति को दूर करने, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदनाम देने, वाहन चालकों की भर्ती, टैक्सी प्रथा खत्म करने, सातवें वेतनमान के अनुसार वाहन भत्ता, मकान किराया भत्ता देने, पदोन्नति पर लगी रोक हटाने, सीपीसीटी खत्म कर आउट सोर्सेस प्रथ बंद करने शिक्षकों एवं सहायक शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान एवं नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता देने, स्थाई कर्मियों को नियमित करने, कर्मचारियों की पदोन्नति करने, धारा 49 समाप्त करने, पेंशन के लिए अंशदाई पेंशन की गणना 25 वर्ष करने, आंगनवाड़ी अशंकालीन, स्टेनोग्राफर, जिला न्यायालय, राजस्व कर्मचारियों की मांगों समेत 39 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे।