शिकागो । अमेरिका के शिकागो स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (आईएचएमई) के नए अनुमानों के अनुसार चीन के कड़े कोरोना प्रतिबंधों के परिणामस्वरूप 2023 तक देश में कोरोना वायरस संक्रमण विस्फोट हो सकता है इतना ही नहीं 1 लाख से अधिक मौतें हो सकती हैं। अनुमानों के अनुसार चीन में 1 अप्रैल के आसपास कोविड-19 संक्रमण के मामले चरम पर होगा जब मौतें 322000 तक पहुंच जाएंगी। आईएचएमई के निदेशक ने कहा कि तब तक चीन की लगभग एक तिहाई आबादी संक्रमित हो चुकी होगी। चीनी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कोरोना प्रतिबंधों को हटाने के बाद से किसी भी आधिकारिक कोरोना मौतों की सूचना नहीं दी है। अंतिम आधिकारिक मौत 3 दिसंबर को दर्ज की गई थी। बीजिंग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक उसके यहां कोरोना से अब तक कुल 5235 मौतें हुई हैं। 
चीन ने अभूतपूर्व सार्वजनिक विरोध के बाद दिसंबर में दुनिया के सबसे कठिन कोरोना प्रतिबंधों को हटा लिया था और अब संक्रमण में वृद्धि का सामना कर रहा है इस आशंका के साथ कि अगले महीने लूनर न्यू ईयर की छुट्टियों के दौरान 1.4 बिलियन आबादी में कोरोना वायरस संक्रमण फैल सकता है। क्रिस्टोफर मरे ने कहा ‘किसी ने नहीं सोचा था कि वे जीरो-कोविड पॉलिसी को लागू रखने वाले हैं जबतक की उन्होंने ऐसा कर नहीं दिया। चीन की शून्य-कोरोना ​​​​नीति वायरस के पहले के वेरिएंट को काबू रखने में प्रभावी हो सकती है लेकिन ओमिक्रॉन वेरिएंट की उच्च संप्रेषणीयता ने इसे लागू रखना असंभव बना दिया है। 
आईएचएमई एक स्वतंत्र मॉडलिंग ग्रुप है जिसके अनुमानों पर कोरोना महामारी के दौरान कई देशों की सरकारों और कंपनियों ने भरोसा किया। आईएचएमई ने हांगकांग में हाल ही में ओमिक्रॉन के प्रकोप से प्रांतीय डेटा और जानकारी प्राप्त की। मरे ने कहा ‘चीन ने वुहान आउटब्रेक के बाद से बमुश्किल किसी कोविड मौत की सूचना दी है। इसकारण हमने संक्रमण की मृत्यु दर का अंदाजा लगाने के लिए हांगकांग की ओर देखा। 
अन्य विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की आबादी का लगभग 60 प्रतिशत अंततः संक्रमित हो जाएगा। उन्होंने आगामी जनवरी में वायरस आउटब्रेक के पीक का अनुमान लगाया है।  इस दौरान कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग जैसे कि बुजुर्ग और पहले से बीमारियों का सामना करने वाले सबसे अधिक प्रभावित होने वाले हैं। कम प्रभावी टीकों का उपयोग और 80 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में कम वैक्सीन कवरेज चीन की प्रमुख चिंताओं में शामिल है।