सतसंग से होता है संस्कारों का विकास---------संत असंग देव

मेघनगर -जैन रत्न रणजीत सिंह बाफना की स्मृति में तीन दिवसीय असंग महाराज के सत्संग का समापन बुधवार देर शाम हुआ यहां पर सत्संग सुनने बड़ी संख्या में श्रद्धालु भिन्न -भिन्न राज्य एवं जिलों से भी पधारे। हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने सत्संग का श्रवण किया। बुधवार देर शाम को बाफना परिवार की ओर से भोजन प्रसादी भंडारे का भी आयोजन रखा गया यहां लगभग 3 हजार से अधिक लोगों ने भोजन प्रसादी भंडारे का भी आनंद लिया। तीन दिवसीय सत्संग के समापन पर राष्ट्रीय संत असंग देव महाराज ने कहा कि जो व्यक्ति कंजूस होता है और दूसरों से दुर्व्यवहार करता है, उसके घर सदैव दरिद्रता रहती है। वहीं दूसरी ओर जो व्यक्ति धर्मदान व सदैव मुस्कराता रहता है, उसके घर-परिवार में माता लक्ष्मी का वास होता है। सत्संग के  समापन अंतिम दिन बाफना ट्रस्ट मंडल द्वारा असंग महाराज सहित पूरी संत समागम टीम का स्मृति चिन्ह देकर स्वागत सम्मान किया गया  साथ ही असंग महाराज की तरफ से स्थानी संतों का सम्मान भेंट राशि देकर सम्मान किया गया। समापन अवसर पर समाजसेवी विनोद बाफना ने अपनी सु मधुर आवाज में भजनों की भी प्रस्तुति दी  बाफना की स्वर लहरी सुनकर श्रद्धालुओं को बहुत आनंद प्राप्त हुआ। मंच का संचालन विनोद बाफना ने किया आभार जिनेंद्र बाफना ने माना इस दौरान बाफना परिवार से प्रदीप बाफना, श्रीमती प्रवीणा बाफना, विपिन बाफना ,श्रीमती नैना बाफना,यशवंत बाफना ,श्रीमती मंजुला बाफना,विनीत बाफना,श्रीमती निधि बाफना, रौनक जैनब, जिनेंद्र बाफना श्रीमतगुणबाला बाफना, प्रांजल बाफना, श्रीमती सुरभि बाफना जिनाज्ञा,  विनोद बाफना  श्रीमती नेहा बाफना श्रीमती किरण बफना अंशु बाफना, वृद्धि बाफना प्रफुल्ल गादीया श्रीमती रितु गादीया विनम्र गादीया अनवेषा गादिया प्रवीण  श्रीमती विमला गा दिया देवेंद्र रुनवाल श्रीमती हर्षा रुनवाल श्रेणिक गदीया श्रीमती रंजना गादीया आदि परिवार सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।