ग्रीन-टी के रोजाना एक कप की आदत आपको कई प्रकार के गंभीर रोगों, यहां तक कि कैंसर के भी जोखिम से बचा सकती है। अध्ययनों से पता चलता है कि ग्रीन-टी में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स और बायोएक्टिव कंपाउंड्स पाए जाते हैं जो शरीर पर अद्भुत प्रभाव डाल सकते हैं।
ग्रीन-टी के स्वास्थ्य लाभ को देखते हुए पिछले कुछ वर्षों में भारत में इसकी मांग काफी तेजी से बढ़ी है। शोधकर्ता बताते हैं कि यह एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होती है जिसके सेवन की आदत मस्तिष्क के कार्यों को बेहतर बनाए रखने, हृदय रोग, डायबिटीज और यहां तक के कई प्रकार के कैंसर के खतरे को भी कम कर सकती है।
ग्रीन-टी की पत्तियों में कई प्रकार के स्वस्थ बायोएक्टिव यौगिक मौजूद होते हैं। इसमें पॉलीफेनोल्स की भी मात्रा पाई जाती है, जो एक प्रकार के प्राकृतिक यौगिक हैं और शरीर में इंफ्लामेशन को कम करने के साथ कैंसर के विकास को रोकने में सहायक माने जाते हैं। ग्रीन टी में एपिगैलोकैटेचिन-3-गैलेट नामक कैटेचिन होता है। कैटेचिन प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो कोशिकाओं की क्षति को रोकने में मदद करते हैं जिससे स्वाभाविक तौर से कैंसर का खतरा कम हो जाता है।

ग्रीन-टी में पाए जाने वाले असरदार यौगिक और एंटीऑक्सिडेंट्स कई प्रकार के कैंसर के जोखिमों को कम करने में मददगार माने जाते हैं। अध्ययनों की एक समीक्षा में पाया गया कि जो महिलाएं नियमित रूप से ग्रीन-टी पीती हैं, उनमें स्तन कैंसर विकसित होने का जोखिम 20-30% कम होता है। महिलाओं में यह सबसे आम प्रकार का कैंसर है। ग्रीन-टी पॉलीफेनोल एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होती है जो स्वास्थ्य पर विभिन्न प्रकार के लाभकारी प्रभाव डाल सकती है।