ओमिक्रोन और डेल्टा वैरिएंट से जद्दोजहद के बीच फ्रांस में कोरोना का एक नया वैरिएंट (B.1.640.2) सामने आया है। इसे ओमिक्रोन से भी ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है। देश के शोधकर्ताओं इस नए वैरिएंट को अस्थायी रूप से  'आईएचयू' नाम दिया है। अबतक इससे 12 लोग संक्रमित बताए जा रहे हैं। इसमें 46 म्यूटेशन पाए गए हैं। आईएचयू मेड‍िटेरेंस इन्‍फेक्‍शन के फिलिप कोलसोन ने कहा कि दक्षिणपूर्वी फ्रांस में 12 लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस नए वैरिएंट को लेकर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

नए वैरिएंट से सबसे पहले मध्य अफ्रीका में कैमरून की यात्रा से फ्रांस लौटा एक व्यस्क था, जिसका कोरोना टीकाकरण हो चुका था। वहां से लौटने के तीन दिन बाद उसे हल्की सांस संबंधी परेशानी हुई। नवंबर 2021 के मध्य में उसका सैंपल लिया गया, जो डेल्टा और ओमिक्रोन से अलग पाया गया। इसके बाद उसी इलाके में रहने वाले सात अन्य कोरोना पाजिटिव मरीजों का सैंपल लिया गया। इनमें भी वैसे ही म्यूटेशन पाए गए। 

संक्रमित पाए गए लोगों में दो वयस्क और पांच बच्चे (15 वर्ष से कम उम्र के) शामिल हैं। इन आठ रोगियों के सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए यूनिवर्सिटी हास्पिटल इंस्टीट्यूट मेड‍िटेरेंस इन्‍फेक्‍शन भेजे गए थे। आगे के परीक्षणों 46 म्यूटेशन के बारे में पता चला। कोलसोन ने कहा कि इससे कोरोना के नए वैरिएंट सामने आने की अनिश्चितता का एक और उदाहरण मिला है। कोरोना के नए वैरिएंट वैक्सीन से मिलने वाली सुरक्षा से बचने के जोखिम के मद्देनजर वायरोलाजिकल, महामारी विज्ञान के लिए ​​चिंता की बात बन गए हैं। नए वैरिएंट बताता है कि जिनोम सिक्वेंसिंग कितनी जरूरी है। 

बता दें कि ब्रिटेन, अमेरिका और भारत समेत पूरा विश्व ओमिक्रोन वैरिएंट के कारण परेशान है। इसके मामले काफी तेजी बढ़ रहे हैं। सबसे पहले इस स्ट्रेन के बारे में दक्षिण अफ्रीका ने जानकारी दी थी। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस  वैरिएंट आफ कंसर्न घोषित कर दिया था और इसे ओमिक्रोन नाम दिया था।