भोपाल ।   प्रदेश के 25 हजार से अधिक संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी नियमितीकरण, सेवा से निकाले गए कर्मचारियों की बहाली सहित अन्य मांगों को लेकर पिछले 16 दिन से कामबंद हड़ताल कर रहे हैं। इस कारण प्रदेशभर में जांच, दवा वितरण, स्वास्थ्य केंद्रों की साफ-सफाई सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। कर्मचारियों ने साफ कर दिया है कि जब तक सरकार मांगें पूरी नहीं करेगी, वे हड़ताल पर डटे रहेंगे। उधर, स्वास्थ्य मंत्री डा. प्रभुराम चौधरी ने कर्मचारी नेताओं से कहा कि हड़ताल समाप्त करें, 10 दिन में मांगें पूरी कर देंगे, पर नेता उनसे सहमत नहीं हैं। मप्र संविदा कर्मचारी-अधिकारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि नियमितीकरण, समान काम-समान वेतन और पांच जून 2018 को जारी की गई संविदा नीति लागू करने की मांग है। सरकार ने नीति जारी तो कर दी, पर उसे लागू नहीं किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने हड़ताल समाप्त करने पर 10 दिन में मांगों पर विचार करने का वादा किया है, पर हम कैसे विश्वास कर लें। ऐसे वादे पहले भी हुए हैं, जो आज तक पूरे नहीं हुए। इसलिए ठोस हल न निकलने तक हड़ताल जारी रहेगी।