बीजिंग । तीन साल पहले चीन के वुहान शहर में नई और घातक संक्रामक बीमारी कोरोना ने पूरी दुनिया में ऐसा कोहराम मचाया था जिससे आज भी कई देश उबरने का प्रयास कर रहे हैं। कोरोना महामारी ने न सिर्फ करोड़ों जिंदगियां लील ली बल्कि दुनियाभर की मजबूत अर्थव्यवस्थाओं को भी अर्श से फर्श पर ला दिया। दुनिया की महाशक्ति अमेरिका और रूस ब्रिटेन जैसे समृद्ध देशों की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में भूकंप आ गया था। इन देशों में रोजाना लाखों की संख्या में लोग मर रहे थे। भारत में भी कोरोना की ताबड़तोड़ लहरें लोगों के लिए काल बन गई। चीन में फिर कोरोना की सुनामी चल रही है। इससे निपटने के बजाय वह इसतरह के कदम उठा रहा है जो दुनिया के लिए बहुत बुरा साबित हो सकती है। 
चीन ने पहले जीरो कोविड पॉलिसी को अचानक से रद्द कर महामारी को खुला निमंत्रण दिया। फिर कोरोना को नॉर्मल फ्लू कहकर अपने लोगों को पारंपरिक और जानलेवा दवाओं के सहारे ठीक करने की सलाह दी और अब क्वारंटाइन नियम खत्म करने की घोषणा कर दी है।
शी जिनपिंग सरकार का कहना है कि उसके लोग धीरे-धीरे कोविड के साथ जीना शुरू कर रहे हैं क्योंकि 2019 में वुहान शहर से शुरू हुई इस महामारी ने चीन में एक बार फिर प्रचंड और जानलेवा रूप धारण कर लिया है। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने घोषणा की कि विदेश से आने वाले यात्रियों को अब क्वारंटाइन से नहीं गुजरना होगा। नए नियम 8 जनवरी से लागू होने वाले हैं। 
चीन में जिस तेजी से कोरोना फैल रही है रोजाना लाखों की संख्या में लोग संक्रमित और मर रहे हैं। उस स्थिति को जानकर भी चीन सरकार ने विदेश से आने वाले लोगों के लिए क्वारंटाइन के नियमों को हटाने का फैसला लिया है। वर्तमान में चीन आने वाले यात्रियों को होटल में पांच दिनों के लिए क्वारंटाइन रहना जरूरी है। इसके बाद तीन दिनों के लिए घर पर रहना। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व वाला प्रशासन जो अब समाप्त हो चुकी शून्य-कोविड नीति पर निर्भर था उसने संक्रमण के प्रसार को रोकने के बजाय बाकी दुनिया के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। अंतरराष्ट्रीय आगमन पर कोई कोविड परीक्षण नहीं किया जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल बुखार या अन्य फ्लू जैसे लक्षणों वाले यात्रियों को हवाईअड्डों पर एंटीजन टेस्ट देना होगा।