सूत्रों के मुताबिक एक तेज तर्रार केंद्रीय मंत्री को काबू में करने के लिए यह कार्रवाई की गई है। पिछले कुछ सालों से केंद्रीय मंत्री के बयानों से कई बार केंद्र सरकार के लिए असहज जैसी स्थिति पैदा हो जाती है।

सरकार को जवाब देते नहीं बनता, जबकि केंद्रीय मंत्री के बयानों को विपक्ष की ओर से बड़ा मुद्दा भी बनाया जाता है। ऐसे में 5 राज्यों के चुनाव से ठीक पहले मंत्री को काबू करने के लिए उनके और मध्य प्रदेश के CM के करीबी ठेकेदार पर एक्शन के जरिए सियासी संदेश दिया गया है। देखना रोचक होगा कि उनके बयानों पर ब्रेक लगता है या नहीं।

4 करोड़ कैश मिलने की खबर सामने आई

दरअसल CBI ने इस मामले में शुक्रवार को भोपाल, गुरुग्राम, बेंगलुरु सहित कई जगहों पर भी छापेमारी की, जिसमें 4 करोड़ कैश मिलने की खबर सामने आई है। यह मामला दिलीप बिल्डकॉन से जुड़ा है और जांच एजेंसी ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधिकारियों को 20 लाख की रिश्वत देने के मामले में इस कार्रवाई को आगे बढ़ाया है।

सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिलीप बिल्डकॉन मालिकों के करीबी हैं। इसी कारण इसकी भनक न तो भोपाल पुलिस और न ही CBI के भोपाल ऑफिस को लगी।

यह कंपनी सड़क, फ्लाईओवर बनाने के लिए NHAI से बड़े ठेके लेती है। कंपनी का 10 हजार करोड़ का सलाना टर्न ओवर 2019-20 में था। यह महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश सहित देश के अलग अलग राज्यों में काम कर रही है। मध्य प्रदेश में यही कंपनी मेट्रो बनाने का भी काम कर रही है।

आखिरी अपने ही मंत्री से क्यों नाराज है सरकार?

इस मामले में जिस केंद्रीय मंत्री का नाम सामने आ रहा है, वे अक्सर अपनी ही सरकार को निशाने पर लेते रहे हैं। ये केंद्रीय मंत्री सरकार से नाराज भी चल रहे हैं। इस नाराजगी के पीछे भी कई कारण छुपे हैं। पहली नाराजगी तब सामने जब साल 2017 में सदन में कांग्रेस के बड़े नेता ने मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा था कि ये कैसा स्टार्टअप इंडिया है, जिसमें एक मंत्री अपने ही स्टाफ की कंपनी को पैसा दिलवा रहा है। उस वक्त इस मामले ने काफी तूल पकड़ा। 2019 के लोकसभा चुनाव इनकी पार्टी से दूरियां भी बढ़ गई थी।

छापेमारी का उतर प्रदेश से क्या संबंध?

देश में जिन 5 राज्यों में चुनाव होने हैं, उनमें सबसे ज्यादा चर्चित राज्य उतर प्रदेश है। सूत्रों की मानें तो UP में 2017 के चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी ना मिलने से नाराज चल रहे भाजपा के एक बडे़ नेता और एक केंद्रीय मंत्री के बीच जुगलबंदी चल रही है। कहा जा रहा है कि इस बात की भनक दिल्ली हाईकमान को लग चुकी है कि किस प्रकार ये दोनों नेता विपक्षी पार्टी के संपर्क में है। जिसके चलते ही UP वाले केंद्रीय मंत्री को दिल्ली दरबार में भी हाजिर किया गया था।

सूत्रों के मुताबिक एक तेज तर्रार केंद्रीय मंत्री को काबू में करने के लिए यह कार्रवाई की गई है। पिछले कुछ सालों से केंद्रीय मंत्री के बयानों से कई बार केंद्र सरकार के लिए असहज जैसी स्थिति पैदा हो जाती है।

सरकार को जवाब देते नहीं बनता, जबकि केंद्रीय मंत्री के बयानों को विपक्ष की ओर से बड़ा मुद्दा भी बनाया जाता है। ऐसे में 5 राज्यों के चुनाव से ठीक पहले मंत्री को काबू करने के लिए उनके और मध्य प्रदेश के CM के करीबी ठेकेदार पर एक्शन के जरिए सियासी संदेश दिया गया है। देखना रोचक होगा कि उनके बयानों पर ब्रेक लगता है या नहीं।

4 करोड़ कैश मिलने की खबर सामने आई

दरअसल CBI ने इस मामले में शुक्रवार को भोपाल, गुरुग्राम, बेंगलुरु सहित कई जगहों पर भी छापेमारी की, जिसमें 4 करोड़ कैश मिलने की खबर सामने आई है। यह मामला दिलीप बिल्डकॉन से जुड़ा है और जांच एजेंसी ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधिकारियों को 20 लाख की रिश्वत देने के मामले में इस कार्रवाई को आगे बढ़ाया है।