मेघनगर में भव्य तप महोत्सव का प्रारंभ 8 अगस्त से लगभग 151 तपस्वी हिस्सा लेंगे 

मेघनगर !   भगवान ने संसार का जैसा स्वरूप देखा वैसा सभी देखे तो बेड़ा पार संसार की माया कोई विरला ही समझ पाया संसार में शारीरिक ओर मानसिक दो प्रमुख दुःख है एक चिंता दूर हो तो दूसरी चिंता आ जाती है संसार में किसी की चिंता दूर हुई क्या? जीव दुःख के कारण ढूढ़ता है दुसरो के सुख को देखकर जीव दुःखी है मेघनगर!भूख पर जय पाना आसान नही है अंतिम समय सलेखना संथारा करने के लिये आहार संज्ञा को समझना ओर उसे छोड़ने का प्रयास अभी से करना पड़ेगा तभी जीव भव भव नही भटकेगा अनारी बनना हमारा लक्ष्य है ऐसी भगवान की वाणी है वर्षावास हेतु विराजित आचार्य भगवंत पूज्य उमेश मुनिजी म.सा. के सुशिष्य पूज्य प्रवर्तक जिनेन्द्र मुनिजी की आज्ञा  में पूज्य अणुवत्स संयत मुनिजी की ऐसी प्रेरणारूपी जिनवाणी से प्रभावित होकर संघ में तपस्या का ठाठ लगा हुआ है आगामी 8 अगस्त से तीन पड़ाव में एक उपवास से सिद्धि तप की तपस्या प्रारंभ होगी जिसमें लगभग 151 तपस्वी के नाम अभी आये है।

सीमाजी सुरेशचंद्रजी जैन के 16 उपवास की तपस्या पूर्ण होने पर कल रविवार को सामूहिक एकासन का आयोजन सुरेशचंद्रजी, रिंकुजी, जैकी जी जैन परिवार द्वारा महावीर भवन पर किया जा रहा है। सीमाजी के 16 उपवास का बहुमान निताजी रिंकुजी जैन ने 16 उपवास की बोली लेकर किया। आज पुज्य श्री के दर्शन ,वंदम को आष्टा श्री संघ, थांदला महिला मंडल ओर कई श्री संघ से श्रावक श्राविका पधारे। सभी के भोजन की व्यवस्था श्री संघ द्वारा महावीर  भवन पर की गई। प्रभावना मा धर्म संघवी के जन्मदिन पर बाबुलालजी संघवी परिवार द्वारा वितरित की गई। कार्यक्रम का संचालन विपुल धोका ने किया