एक ऐसा मंदिर जिसका निर्माण सिद्ध मंत्रों के आधार पर हुआ है। इस मंदिर का गुंबद ग्रहों और नक्षत्रों को ध्यान में रखते हुए तैयार हो रहा है। माता महाकाली का एक ऐसा ही मंदिर मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में मौजूद है। यह अपने आप में एकमात्र ऐसा मंदिर है जो काली यंत्र पर बना हुआ है। यह मंदिर श्री सिद्ध महाकाली पीठ रैंगवा पाटन रोड पर स्थित है। श्रद्धालु यहाँ पर बड़े श्रद्धाभाव से दर्शन करने आते हैं यह मंदिर अपनी निर्माण शैली और माता महाकाली की प्रतिमा के लिए जाना चाहता है।

दक्षिण मुखी काली माता का रूप उग्र स्वभाव का माना जाता है। यह रूप माता महाकाली का रौद्र रूप है। जो कि इस मंदिर में विराजमान है। हालांकि भक्त इनके दर्शन सौम्यता के लिए करते हैं। माता महाकाली की पूजा इस मंदिर में मात्र केवल तंत्र मंत्र से नहीं होती है बल्कि सामान्य ध्यान पूजा से भी होती है। जिसके चलते इस मंदिर में माता महा काली की प्रतिमा का मुख उत्तर दिशा में रखा गया है। मंदिर के निर्माण शैली की बात करें तो इस मंदिर का निर्माण काली यंत्र के आधार पर हुआ है और उसका काम अभी चल रहा है। गुम्बद पर काली यंत्र की स्थापित कि जा रही है। इस मंदिर की उचाई 57 फिट रहेंगी। मंदिर की चोटी पर स्थापित काली यंत्र मंदिर के भीतर आने वाले भक्तों को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करेगा।

इस मंदिर में माता महाकाली रौद्र रूप में विराजमान है। माता महाकाली का तेज भक्तों को नही झेलना पड़े इसलिए माता के मुँह के ठीक सामने शिव भगवान की पंचायत की स्थापना की गई है। ताकि महाकाली माता का जो भी तेज है वह आम श्रद्धालुओं के बजाय महादेव के पास चला जाए। माता महाकाली का तेज इतना होता है कि कोई भी साधारण भक्त इसको ग्रहण नहीं कर सकता है।

इस मंदिर का कोना कोना मंत्रों के आधार पर बनाया गया है जब इस मंदिर में मंत्रोच्चारण किया जाता है तो उसकी ध्वनि व कंपन को महसूस किया जा सकता है।
मध्यप्रदेश के जबलपुर में भक्तों की माँ महाकाली में गहरी आस्था है। नवरात्रि के पर्व के दौरान जबलपुर में महाकाली के विशाल पंडाल भी लगाए जाते हैं। जबलपुर के गढ़ाफाटक वाली महाकाली की तर्ज पर महाकाली के इस मंदिर में माता महाकाली की 17 फीट ऊँची प्रतिमा स्थापित की गई है।

जिसकी सबसे विशेष बात यह है कि यह 17 फिट की प्रतिमा मात्र एक पत्थर में बनी है। माता महाकाली की इतनी बड़ी मूर्ति देखकर भक्त आश्चर्यचकित हो जाते हैं। भक्तों की माता महाकाली में विशेष आस्था है जिसके चलते मंदिर में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती है। नवरात्रि के पावन पर्व के दौरान यह भीड़ और बढ़ जाती है। साथ ही मंदिर भी भव्य तरीके से सजाया जाता है। प्रतिदिन भक्त दूर दूर से माता महाकाली के दर्शन करने आते हैं।