ग्वालियर ।   शिवपुरी के रहने वाले एक पिता ने अपने आइपीएस बेटे की मौत के कारणों की जांच सीबीआइ से कराने के लिए ग्वालियर हाइकोर्ट की एकलपीठ में याचिका लगाई है। पिता का कहना है कि मार्च 2022 में उनका बेटा शिवपुरी से ग्वालियर की ओर अपनी कार से निकला था। रास्ते में उसकी मौत हो गई। पुलिस ने फोन पर सूचना दी कि घाटीगांव के पास रेहट नामक स्थान पर एक सड़क हादसे में उसकी मौत हुई है। उन्हें इस बात की सूचना भी पोस्टमार्टम के बाद दी गई। पुलिस ने इसे एक साधारण दुर्घटना बताया है। किस वाहन से गाड़ी टकराई व मौत कैसे हुई। पुलिस ने इसके कारणों का पता नहीं लगाया है। पिता ने बताया कि निधन के बाद ही उन्हें पता चला कि उनका बेटा राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआइए) की साइबर शाखा में था। उसने भारत के लिए पड़ोसी देश के साथ-साथ कई देशों में गुप्तचर आपरेशन में हिस्सा लिया। आशंका है कि उसकी मौत सामान्य नहीं है। उन्हें आशंका है कि उनके बेटे की हत्या की गई है। पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नोटिस जारी कर पुलिस से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका में बताया गया है कि शिवपुरी के रहने वाले अभिषेक शर्मा का चयन 2012 में आइपीएस के लिए हुआ। ट्रेनिंग के बाद उसे 2014 में आतंकवादी निरोधी दस्ते में मिली थी। वह एनआइए की साइबर सेल में रहे। इस दौरान उन्होंने विशेष आपरेशन पर काम किया। वह कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। मार्च 2022 में वह छुट्टी पर शिवपुरी आए थे, 22 तारीख को शिवपुरी से ग्वालियर आते वक्त सड़क दुर्घटना में अभिषेक की मौत हो गई (जैसा पुलिस ने अभिषेक के पिता को बताया) । जब पुलिस ने जांच में गंभीरता नहीं दिखाई तो अभिषेक की मौत को लेकर पिता राकेश शर्मा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। पिता का कहना है कि उनका बेटा ऐसे दस्तावेज छोड़ गया है, जो देश के लिए काफी अहम है। इसलिए यह मामला सीबीआइ को सुपुर्द किया जाए।

अभिषेक ने अलग-अलग एसेंसियों में दी सेवाएंः

अभिषेक शर्मा ने सात अगस्त 2012 को भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) में ज्वाइनिंग दी। दो साल के प्रशिक्षण के बाद 15 सितंबर 2014 को उन्हें आतंकवादी निरोधी दस्ते में असिस्टेंट कमिश्नर आफ पुलिस के रूप में पदस्थापना मिली। यहां उन्होंने 25 जनवरी 2015 तक काम किया। इसके बाद 14 जुलाई 2015 तक उन्होंने विशेष अपराध शाखा में सेवाएं दी। 19 अगस्त 2015 से 20 मार्च 2016 तक उन्होंने एनआइए (राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी) की साइबर सेल में काम किया। इस दौरान अभिषेक ने इजराइल और पड़ोसी देशों में कई गुप्तचर आपरेशनों में हिस्सा लिया।

याचिका में इन्हें बनाया प्रतिवादीः

हाई कोर्ट में दायर याचिका में याचिकाकर्ता राकेश शर्मा ने प्रमुख सचिव गृह विभाग भारत सरकार, एनआइए के निदेशक, पुलिस अधीक्षक ग्वालियर और थाना प्रभारी घाटीगांव को प्रतिवादी बनाया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को शासकीय अधिवक्ता दीपक खोत को याचिका की कापी उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।