छत्तीसगढ़ : सरगुजा पुलिस ने गलत इंजेक्शन लगाने से दो साल की बच्ची की मौत के मामले में मंगलवार को केस दर्ज कर लिया है। बच्ची बलरामपुर जिले के कुसमी की रहने वाली थी। पुलिस ने मामला दूसरे जिले का होने की बात कहते हुए डायरी बलरामपुर भेजने की बात कही है।जानकारी के अनुसार कुसमी ब्लॉक के नीलकंठपुर निवासी मनोहर राम की दो वर्षीय पुत्री सिमरन 14 अक्टूबर से सर्दी-खासी से पीड़ित थी। परिजन उसे 17 अक्टूबर की दोपहर इलाज के लिए कुसमी स्थित बाबा केजीएन मेडिकल स्टोर ले गए थे। वहां मेडिकल स्टोर में झोला छाप डॉक्टर सेराज ने बच्ची को उपचार के नाम पर दो इंजेक्शन उसके लगा दिए।

इंजेक्शन लगाते ही बच्ची की हालत बिगड़ने लगी एवं उसके नाक व मुंह से खून निकलने लगा। इससे घबराए मेडिकल स्टोर के संचालक ने परिजनों को अंबिकापुर जाकर बच्ची का उपचार कराने के लिए कहा और स्वयं निजी वाहन की व्यवस्था कर दी। बालिका को अंबिकापुर लाते समय उसकी राजपुर के पास मौत हो गई। शाम को मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसके शव को मर्च्युरी में रखवा दिया गया। मंगलवार को शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया।

अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने बताया कि बच्ची को जब तक अस्पताल लाया गया, तब तक उसकी मौत हो गई थी। ऐसे में उसकी मौत कैसे हुई, इसका पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने पर ही पता चल सकेगा। मेडिकल कॉलेज अस्पताल चौकी ने शिकायत दर्ज की गई है। पुलिस ने परिजनों का बयान दर्ज किया एवं बयान के आधार पर अपराध दर्ज किया है। परिजनों का आरोप है कि गलत इंजेक्शन के कारण उनकी बच्ची की जान गई है।

बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के सीएमएचओ डॉ. बसंत कुमार ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। मेरे द्वारा कुसमी बीएमओ को जांच कर कार्रवाई के लिए कहा गया है। समय-समय पर झोलाछाप डाक्टरों की जांच की जाती है। वहीं, कुसमी बीएमओ डॉ. राकेश ठाकुर ने कहा कि मेडिकल स्टोर संचालक को इंजेक्शन लगाने का अधिकार है या नहीं, इसकी जांच की जाएगी। जांच के बाद कार्रवाई होगी।